नई दिल्ली। इस साल कई अमेरिकी कंपनियों ने भारत में निवेश किया है। अमेरिकी कंपनियों ने जनवरी से 15 जुलाई तक भारत में 17 अरब डॉलर यानी करीब 1.27 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया है।
India become destination for US companies, invested 1.27 lakh crores
दिग्गज ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन ने जनवरी में एक अरब डॉलर यानी करीब 7400 करोड़ रुपये के निवेश की घोषणा की थी।
फेसबुक ने अप्रैल के अंत में भारत में छह अरब डॉलर यानी करीब 44 हजार करोड़ रुपये निवेश का एलान किया था।
गूगल ने 15 जुलाई को 10 अरब डॉलर यानी करीब 75 हजार करोड़ रुपये के निवेश की घोषणा की थी।
इसलिए बढ़ा निवेश
मालूम हो कि पिछले कुछ समय में भारत और चीन के बीच तनाव बढ़ा है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने भी चीनी कंपनियों पर अविश्वास जताया है।
इसलिए चीन व हांगकांग से मिल रही चुनौतियों का सामना करने के लिए अमेरिकी टेक कंपनियों के लिए भारत पहली पसंद के तौर पर बनकर उभरा है।
डिजिटल अर्थव्यवस्था
भारत की अर्थव्यवस्था डिजिटल भी है। भारत में करीब 70 करोड़ इंटरनेट के ग्राहक हैं, जिनमें से करीब आधे ऑनलाइन आ गए हैं। यह एक बड़ा फायदा है।
इस संदर्भ में अमेरिका-भारत बिजनेस काउंसिल में टेक पॉलिसी के हेड जे गुलिस का कहना है कि टेक कंपनियां को भरोसा है कि भारत लंबे समय तक अच्छा बाजार बना रहेगा। साथ ही भारत में नियम आसान होने वाले हैं।
कंपनियां हुईं मायूस
दरअसल सिलिकॉन वैली की कंपनियां काफी समय से चीन को छोड़ रही हैं, जिसके लिए चीन का सेंसरशिप मैकेनिज्म जिम्मेदार है। इसके अतिरिक्त चीन द्वारा हांगकांग में थोपे गए नए सुरक्षा कानून भी बड़ा मुद्दा हैं।
इस मामले में फेसबुक, गूगल और ट्विटर का कहना है कि वे हांगकांग सरकार के साथ डाटा साझा करना बंद कर देंगे। वहीं, टिकटॉक ने हांगकांग को छोड़ने का फैसला कर लिया है।
जियो में निवेश
भारत के सबसे अमीर शख्स मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिडेट (त्प्स्) की डिजिटल आर्म जियो प्लेटफॉर्म्स में भी पिछले कुछ दिनों में कई दिग्गज कंपनियों ने निवेश किया है।
इसमें फेसबुक का कुल निवेश और गूगल का करीब आधा निवेश शामिल है। अप्रैल से अब तक जियो प्लेटफॉर्म्स ने 20 अरब डॉलर यानी करीब 1.5 लाख करोड़ रुपये का निवेश जुटाया है।